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ठेकेदार के द्वारा मजदूर पर हुआ जानलेवा हमला 7 दिनों से है वेंटिलेटर पर

पीथमपुर : कहने के लिए औधोगिक पीथमपुर में कहीं श्रमिक संगठन मौजूद है लेकिन जब गरीब मजदूर की आवाज उठाने की बारी आती है तब सारे संगठन खामोश हो जाते हैं। वही आवाज बनकर उभरती है हमारी कलम हां हम बात कर रहे हैं। एक ऐसे गरीब मजदूर की जिसे अपने अधिकार मांगने पर ठेकेदार द्वारा इतनी बड़ी सजा दी जाती है है कि उसको अपनी जान दाव पर लगाना पड़ जाती है। पिछले करीब 7 दिनों से वेंटिलेटर पर है मौत और जिंदगी के बीच जंग जारी है।

दरअसल पूरा मामला कुछ भी है कि औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में आए दिन श्रमिकों का शोषण बादस्तूर जारी है, मजदूरों का शोषण तो हो ही रहा है साथ ही साथ लेबर ठेकेदारों द्वारा मजदूरों के साथ मारपीट के भी मामले आए दिन थानों पर आते रहते हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला पीथमपुर उद्योग क्षेत्र के नाम चिन कंपनियों में लेबर कांट्रेक्टर का काम करने वाले बालेंद्र पटेल और उसके सहयोगी जीतू पाटीदार का सामने आया का आया है। कुछ दिन पूर्व बालेंद्र पटेल और उसके सहयोगी जितेंद्र पाटीदार द्वारा श्रमिक संजय चौहान नामक युवक के साथ बेरहमी से पिटाई की जाती है। कारण था संजय चौहान बालेंद्र पटेल के कांटेक्ट में गणेश इंजीनियरिंग कंपनी में ठेके में काम करता था। संजय चौहान का पीएफ जमा नहीं हुआ था संजय चौहान ने अपने ठेकेदार बालेंद्र पटेल से कहा कि मेरा पीएफ क्यों जमा नहीं किया। बस क्या था ठेकेदार साहब को गुस्सा आ गया और अपने सहयोगी जीतू पाटीदार और कुछ साथियों के साथ मिलकर संजय चौहान की जमकर पिटाई कर देते हैं। पिटाई में संजय चौहान को इंटरनल चोटे आती है, जिसके चलते वह तत्काल थाने पहुंचता है लेकिन पुलिस मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को छोड़ देती। मामला में नया मोड़ तब आता है जब करीब 9 दिन बाद संजय चौहान की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है। जिस के चलते उसके इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाता है जहां पर डॉक्टर द्वारा जब उसका चेकअप किया जाता है तो डॉक्टर को समझ में आता है कि उसके लीवर में गंभीर चोटें आई है। पीड़ित संजय चौहान की हालत और बिगड़ जाती है और उसे वेंटिलेटर पर डॉक्टर रख देते हैं वेंटिलेटर पर करीब आठ दिनों से संजय चौहान जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है, मामला गरमाता देख, इस बीच पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी बालेंद्र पटेल और उसके सहयोगी जितेंद्र पाटीदार को गिरफ्तार कर लेती है। फिलहाल पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वही पुलिस आरोपी बालेंद्र पटेल और जीतू पाटीदार को जेल भेज देती है। लेकिन इस मामले के बाद सोचने की बात यह है की इसी तरह ठेकेदारों का आतंक औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है, राजनीतिक संरक्षण पाकर ठेकेदारो द्वारा आए दिन श्रमिकों के साथ मारपीट करना और उनका शोषण करना आम बात हो गई है। वही जिम्मेदार अधिकारी भी इन ठेकेदारों के साथ साठ गाँठ कर केवल खानापूर्ति कर लेते है। और श्रमिको द्वारा इनके खिलाफ की जाने वाली शिकायतों पर गंभीरता पूर्वक कोई संज्ञान नहीं लेते, इन अधिकारियों की लापरवाही का ही खामियाजा श्रमिक औद्योगिक क्षेत्र में भुगत रहे है। और आज एक श्रमिक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच अपनी लड़ाई लड़ रहा है। आखिर कब तक औद्योगिक क्षेत्र में ठेकेदार श्रमिको पर अपनी अपनी मनमानी करते रहेंगे और जिम्मेदार अधिकारी मौन होकर मूर्ख दर्शक बनकर बैठे रहेंगे। फिलहाल हम यही कामना करते है की श्रमिक भाई संजय चौहान जल्द ही स्वस्थ होकर हमारे बीच उपस्थित होकर उनके साथ हुए अन्याय को हमसे सांझा करे ताकि आरोपियों पर कड़ी से कड़ी करवाई की जा सके।।

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